रायपुर/अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा बाजार जहां सिर्फ जंगल में उपजने वाले उत्पाद ही मिलते हैं। यहां मिलने वाली चीजों में किसी तरह की मिलावट नहीं और यह पूरी तरह प्राकृतिक और शुद्ध हैं। इस बाजार में मिलने वाली हर चीज प्रकृति से जुड़े जीवन का आभाष कराती है। आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग में वनवासियों को आय उपार्जक गतिविधियों से जोड़ने के लिए अंबिकापुर शहर में एक ऐसा बाजार आरंभ किया गया है जिसका नाम ही “जंगल बाजार” है। इस बाजार में वन आधारित सारे उत्पाद मिलते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा तैयार किए जाने वाले वन आधारित उत्पादों को शहर में बिक्री करने मार्केटिंग के लिए खोले गए इस बाजार में लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। यहां घरों में उपयोग आने वाला झाड़ू, सूपा से लेकर बांस, लकड़ी से तैयार विभिन्न् सजावटी सामान और वनौषधि मिलती हैं। जंगल बाजार में परंपरागत जड़ी-बूटी उपचार के लिए वैद्य की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
वन विभाग द्वारा वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को वन आधारित व्यवसाय से जोड़कर आर्थिक रुप से मजबूत बनाने आरम्भ किए गए इस बाजार ने कई परिवारों को रोजगार से भी जोड़ा है। दोना-पत्तल बनाकर भी जंगल के आसपास रहने वाले लोग यहां उपलब्ध कराते है।
जिन उत्पादों को कम दाम में खरीद कर कारोबारी लाभ कमाते थे वे सारे उत्पाद अब यहां शासन द्वारा निर्धारित दर पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। बाजार में ऐसे उत्पाद भी रखे गए हैं जो वन व वन्य प्राणियों के संरक्षण का संदेश भी देते हैं।
पत्थरों पर आकर्षक ढंग से चित्रकारी कर भी घरों में सजाने के लिए उपलब्ध कराया गया है। हर रोज शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से लोग यहां वन औषधि और वन उत्पादों से तैयार सजावटी सामानों को खरीदने के लिए पहुंचते हैं।