हजारीबाग भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। खूबसूरत पर्यटक स्थलों से भरा हजारीबाग झारखंड में स्थित है। हजारीबाग का अर्थ होता है हजार बागों वाला और यह दो शब्दों हजार और बाग से मिलकर बना है। यहां पर 2019 फीट की ऊंचाई पर हैल्थ हिल रिसोर्ट का निर्माण किया गया है। यह रिसोर्ट प्रकृति की गोद में बसा हुआ है और बहुत खूबसूरत है। इस हैल्थ रिसोर्ट में प्रकृति की गोद में रहकर स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। स्वास्थ्य लाभ करने के साथ-साथ यहां कई खूबसूरत पर्यटक स्थलों की सैर की जा सकती है। इन पर्यटक स्थलों में हजारीबाग झील प्रमुख है जहां पर वाटर स्पोटर्स का आनंद लिया जा सकता है। हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य, कैनेरी पहाड़ी और रजरप्पा इसके अन्य प्रमुख पर्यटक स्थल हैं।
पर्यटन :
- हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य : हजारीबाग में पर्यटक वन्यजीव अभयारण्य की सैर कर सकते हैं। यह बहुत विशाल और खूबसूरत है। इसका क्षेत्रफल लगभग 184 वर्ग कि॰मी॰ है। अपनी खूबसूरती के लिए इसे पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां पर पर्यटक विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं को देख सकते हैं। इस अभयारण्य में मुख्य रूप से भालु, सांभर, नीलगाय, चीतल और काकर पाए जाते हैं। यहां घूमने के लिए अप्रैल-जुलाई का समय आदर्श है क्योंकि इस समय इसकी हरियाली कई गुना बढ़ जाती है।
- हजारीबाग झील : अभयारण्य की सैर करने के बाद हजारीबाग झील की सैर की जा सकती है। झील के आस-पास का क्षेत्र भी काफी खूबसूरत है। पर्यटकों को यह झील बहुत पसंद आती हैं क्योंकि वह यहां पर शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर बेहतरीन पिकनिक मना सकते हैं। यहां पर वाटर स्पोर्टस भी उपलब्ध हैं जो युवा पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं। यहा केफिटेरिया नामक जलपान केन्द्र के कारण लोग इस जगह को केफिटेरिया नाम से भी पुकारने लगे है। इसके आसपास ही हजारीबाग सेन्ट्र्ल जेल दिखता है, जहा से 1942 की अजादी के आन्दोलन मे कई स्वतंत्रता सेनानी को बंधक रखा गया था, जिसमे प्रमुख थे जयप्रकाश नारायण आदि। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह झील हजारीबाग के पर्यटन उद्योग की जान है। हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड से 2 किलोमीटर की दुरी पर सूर्यकुंड गर्म जल स्थल है जो पर्यटकों को काफी लुभाता है तथा यहाँ निकलने वाले गर्म पानी से लोग ठण्ड स्नान करते है। बेलकप्पी गांव के सूर्यकुंड के किनारे छोटे छोटे पहाड़ है। 14 जनवरी से यहाँ मेला लगता है जो 15 दिनों तक रहती है लाखों लोग प्रत्येक वर्ष मेला देखने आते है । यहाँ पानी 88℃ तक गर्म रहती है। और यह NH 2 के किनारे बसा हुआ है।
#Chameli_waterfall or #Tiger_waterfall is a seasonal waterfall outside Hazaribagh wildlife sanctuary just 500m away from NH-33.Different streams of forest join together to form kewta river and plunges into a stone quarry.#jharkhandtourism #Jharkhand #Tourism #waterfall pic.twitter.com/MpjbrbrO2I
— Joy Of Jharkhand (@JharkhandJoy) August 23, 2020
- कैनेरी पहाड़ी : हजारीबाग में अनेक पहाड़ियां हैं जिनमें कैनेरी पहाड़ी प्रमुख है। इस पहाड़ी पर तीन झीलें भी हैं जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती है। पहाड़ी पर एक इमारत का निर्माण किया गया है। इस इमारत से हजारीबाग के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं जो पर्यटकों को मंत्र-मुग्ध कर देते हैं। यह दृश्य इतने खूबसूरत होते हैं कि पर्यटक इन तस्वीरों को अपने कैमरों में कैद करना नहीं भूलते।
- रजरप्पा : रजरप्पा मां छिन्न मस्तिका मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है। मन्दिर के अलावा यह भेरा और दामोदर नदी के संगम स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इन दोनों नदियों का संगम मनोहारी है क्योंकि भेरा नदी लगभग 20 फीट की ऊंचाई से झरने के रूप में दामोदर नदी में मिलती है। इस झरने की धारा ने पहाड़ी को इस तरह से काट दिया है कि यह एक सुन्दर तस्वीर जैसा लगता है। यहां पर बोटिंग करने की भी सुविधा है जो पर्यटकों को अपनी तरफ बहुत आकर्षित करती है।
- छडवा डैम : हजारीबाग शहर से मात्र सात किलोमीटर दूर यह डैम मे भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर बेहतरीन पिकनिक मना सकते है।
- लुटवा डैम : हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य के बीच अवस्थित यह डैम ऐसा लगता है मानों यह प्रकृति के गोद में स्थित कोई सफेद सतह। यहाँ पहुचने के लिए अभयारण्य के मुख्य गेट से जो NH-33 पर पड़ता है से 500 M की दुरी बरही की तरफ आना पड़ता है। वहाँ से एक कच्चा मार्ग पूर्व की ओर जंगल से होकर गुजरता है,उसी से पहुँचा जा सकता है। यह डैम जंगली जानवरों के लिए पीने के पानी का अहम स्रोत है। चारों तरफ सखुआ का ही पेड़ नजर आता है। वनभोज के लिए भी आदर्श स्थल है। उस स्थान का प्राकृतिर सौन्दह मन को भाता है। आप जल स्तर से करीब 40 फीट उँचे होते हैं और सामने विशाल जलराशि। वैसे कोशिश करें की वहाँ से शाम से पहले ही निकल आए।
- खुटरा : छडवा डैम से तीन किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत प्यारा सा गाव खुटरा है। जहा पर एक बहुत बडी मस्जिद है जो अपने आस पास के इलाके मे सब से बडा है जिसे देखने के लिये लोग दूर्-दूर से आते हैं।
- ईचाक : हज़ारीबाग़ ज़िला मुख्यालय से 13 किलोमीटर उ.पु.मे ईचाक स्थित है। ईचाक एक समय सिंह राजाओ की राजधानी हुआ करती थी, जो रामगढ राजघराने से ताल्लुक रखते थे। यह कहा जाता है कि इन्ही राजाओं के शासन काल (18 वीं सदी) में यहाँ लगभग 170 मंदिरों का निर्माण करवाया था। इन मंदिरों में एक और खासियत है कि लगभग सभी मंदिरों के समीप तालाब का निर्माण करवाया था। यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बुढ़िया माता का मंदिर है। यहाँ बिहार,बंगाल,उड़ीसा एवं अन्य क्षेत्रो से श्रद्धालु आते है। माना जाता है कि यहाँ पर मांगी गयी हर मन्नत पूरी होती है। अन्य मंदिरों में सूर्य मंदिर भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ सूर्य मंदिर के पीछे एक गुफा है, जो तत्कालीन बंद कर दिया गया है, ऐसी मान्यता है कि यह सुरंग लगभग 15 km. लंबी है। जिसका दूसरा सिरा सिंह राजा के पदमा स्थित महल में जाकर खुलता है, जहाँ से महारानी इसी सुरंग के रास्ते सूर्य मंदिर में पूजा करने आती थी। यहाँ दो ठाकुरबाड़ी (बड़ा अखाड़ा एवं छोटा अखाड़ा) भी स्थित है जहाँ भगवान लक्ष्मी नारायण का मंदिर है। यहाँ रोज़ सुबह शाम होने वाली आरती की घंटध्वनि मनमोहक होती है। मुख्य बाज़ार में बंशीधर मन्दिर स्थित है,हरेक वर्ष यहाँ जन्माष्टमी धूम धाम से मनाई जाती है। ईचाक प्रखंड हज़ारीबाग़ ज़िले का सबसे बड़ा प्रखंड है, जिसके अंतर्गत लगभग 84 गाँव आते है। यहाँ की मिठाई बालूशाही पुरे झारखण्ड में प्रसिद्ध है।
आवागमन :
- वायु मार्ग : हजारीबाग पहुंचने के लिए वायुमार्ग काफी अच्छा विकल्प है। लेकिन वायुमार्ग द्वारा यहां पहुंचने के लिए पहले रांची हवाई अड्डे तक पहुंचना पड़ता है। राँची से हजारीबाग की दुरी मात्र 99 किलोमीटर है,जिसे डेढ घंटे में बस या निजि वाहन से तय किया जा सकता है।
- रेल मार्ग : रांची-वाराणसी एक्सप्रेस, मूरी एक्सप्रेस और शक्तिपुंज एक्सप्रेस से पर्यटक आसानी से हजारीबाग तक पहुंच सकते हैं। यह सभी रेलगाड़ियां हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती हैं। वर्तमान में हजारीबाग स्वंय एक रेलवे स्टेशन बन गया है,जो कोडरमा रेल लाइन से जुड़ा है। कोडरमा स्वंय हावड़ा- दिल्ली रेल लाइन पर अवस्थित एक स्टेशन है। अत: दिल्ली ,कोलकाता से यहाँ अना कठिन नही है। बहुत जल्द हजारीबाग रेलवे लाइन का संपर्क बरकाकाना रेलवे जक्शन से हो जाएगा। जिससे राँची तथा,,भुवनेश्वर तथा दक्षिण के अन्य शहरों से भी यह जुड़ जाएगे।
- सड़क मार्ग : सड़क मार्ग द्वारा भी हजारीबाग तक पहुंचना काफी आसान है। बसों व टैक्सियों द्वारा राष्ट्रीय राजामार्ग 33 से आसानी से यहां तक पहुंचा जा सकता है। यह NH-100,NH-33 के माध्यम से जीटी रोड से जुड़ा है। चतरा से NH- 100, जमशेदपुर,राँची से NH- 33 से यहाँ पहुँचा जा सकता है। राजकीय राजधानी राँची से डेढ घंटे में हजारीबाग पहुँचा जा सकता है। चार लेन की सड़क होने से यात्रा का आनंद और समय बढ गया है। सड़क मार्ग जंगलो,घाटियों से गुजरने के कारण यात्रा के आनंद को बढा देते है। आदिवासी संस्कृति की झलक भी कई जगह सड़क मार्ग से देखने को मिलता है।