बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यहां शेर आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। बाघों का गढ़ (बांधवगढ़?) 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो ‘बांधवगढ़’ कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति :
उद्यान को तीन प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है। ये हैं– ताल, मागदी औऱ बामेरा। इनमें से ताल क्षेत्र पर्यटकों के लिए सबसे आकर्षक है क्योंकि यहां उन्हें बाघों को देखने का अवसर मिलता है।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में मिश्रित वनस्पति मिलती है। यहां लंबे –लंबे घासों की भूमि से लेकर घने साल के जंगल भी हैं और इसलिए यह अलग– अलग प्रकार के पशुओं और पक्षियों के लिए बिल्कुल सही आवास स्थान है।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले जीव-जंतु :
इस राष्ट्रीय उद्यान में पशुओं की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हाथी पर सवार होकर या फिर वाहन में बैठकर इन वन्यप्राणियों को देखा जा सकता है।
बाघों के अलावा अन्य आकर्षण में नीलगाय, चौसिंघा, चीतल, चिंकारा, जंगली सूअर और कभी–कभी लोमड़ी आते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यहां पक्षियों की 250 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं
तितलियों की करीब 80 प्रजातियां और सरीसृपों की भी कई प्रजातियां मिलती हैं।